Pages

Search This Website

Monday, October 2, 2017

आज भी है यहां वो कुटिया, जहां से हुआ था सीता का हरण

आज भी है यहां वो कुटिया, जहां से हुआ था सीता का हरण


महाराष्ट्र के नासिक के पास है पंचवटी। जो इंडिया की दूसरी बड़ी नदी गोदावरी के तट पर स्थित है। इस शहर का ताल्लुक रामायण काल से है। क्यों है ये जगह खास यहीं लक्ष्मण ने शूर्पनखा की नाक काटी थी। सीता, लक्ष्मण के साथ एक कुटिया बनाकर रहे थे। इसी कुटिया के बाहर से रावण ने सीता का हरण किया था। पंचवटी में पांच बरगद के पेड़ हैं जो पास-पास हैं। इसी वजह से इसका नाम पंचवटी पड़ा था। ये जगह हिन्दुओं का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस जगह राम, सीता और लक्ष्मण को समर्पित कई मंदिर हैं, जहां भारत के सभी शहरों से लोग आते हैं। यहां से बहने वाली पवित्र गोदावरी नदी में डुबकी लगाना शुभ माना जाता है। यहां 12 साल में एक बार कुंभ मेला भी लगता है।












क्या है इतिहास


जैसा रामायण में लिखा है, राम को 14 साल का अज्ञातवास मिला था। इनमें से कुछ साल वो सीता और लक्ष्मण के साथ पंचवटी में रुके थे। पंचवटी, दंडकारण्य जंगल का हिस्सा हुआ करता था। राम को मुनि भारद्वाज ने पंचवटी में रहने के लिए कहा था। पंचवटी जिसका मतलब होता है पंच पेड़ों का बगीचा। यहां वो पांच पेड़ अभी भी हैं जहां राम कुटिया बनाकर रहे थे। इसी के पास है तपोवन, जहां लक्षमण ने सूर्पनखा की नाक काटी थी। नाक को नासिका भी कहते हैं और इसी से नासिक का नाम पड़ा। जंगल की किताब ‘अरण्य कंद’ इसी वन पर लिखी गई है। इस शहर में सभी जगह आपको राम के वनवास से रिलेटेड जगहें मिलेंगी।










सीता गुफा


सीता गुफा वो जगह है जहां से सीता का हरण हुआ था। इस गुफा में राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां बनी हैं। इसमें सीढियां हैं जो शिवलिंग तक जाती हैं। कहते हैं ये ही वो खास जगह है जहां से रावण ने सीता का अपहरण किया था।











रामकुंड


रामकुंड के लिए कहा जाता है कि यही वो कुंड है जिसमें वनवास के समय राम स्नान किया करते थे। इसमें स्नान करने के लिए सालभर बहुत सारे श्रद्धालु आते हैं। ऐसा मानते हैं कि इसमें अपनों की राख विसर्जित करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। महात्मा गांधी की अस्थियां भी इसी में विसर्जित की गई थीं। यहां लगने वाले कुंभ के मेले में हजारों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं।










तपोवन


तपोवन वो जगह है जहां साधु महात्मा तप किया करते थे। यहां गोदावरी नदी और कपिल गंगा का संगम है। यहां राम सीता और लक्ष्मण की नांव में खड़े हुए एक बड़ी मूर्ति लगी है जो टूरिस्ट अट्रैक्शन है। यहां गोपालकृष्ण और लक्ष्मी नारायण के मंदिर भी हैं। साथ ही फेमस गौशाला भी है। यहां भगवान राम के चरण पड़े थे इसलिए ये जगह पवित्र मानी जाती है।










कालाराम मंदिर

ये मंदिर पेशवाओं ने बनवाया था। इसमें राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां काले रंग में बनी हैं। ऐसा कहा जाता है कि पंचवटी के साधुओं ने राक्षसों से छुटकारा दिलाने के लिए राम से प्रार्थना की थी। तब राम ने अपना काला रुप धारण कर उनका वध किया था। ये मंदिर 70 मीटर ऊंचा है और और 32 मीटर चौड़ा है। इसका डोम 32 टन शुद्ध सोने का बना है। ये पूरा मंदिर काले पत्थरों से बना है। इस मन्दिर के निर्माण में जिन पत्थरों का उपयोग किया गया है उन्हें पहले दूध में उबाल कर जांचा गया था। इसे बनने में 12 साल लगे थे। इसका खूबसूरत आर्किटेक्चर राम के काल का है। ये नासिक का फेमस मंदिर है। यहां दशहरा, रामनवमी और चैत्र काफी धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। 







गंगा घाट


गोदावरी नदी में स्नान करने के अलावा यहां और भी घाट हैं जहां लोग स्नान के लिए आते हैं। शाम के समय गंगा घाट पर बहुत खूबसूरत नजारा होता है। श्रद्धालु पूजा के समय नदी में दिए और फूल छोड़ते हैं और मंत्रोच्चारण करते हैं। इसके अलावा पंचवटी में सुंदरनारायण मंदिर, श्रीकैलाश मठ (अक्षरधाम) भी देखने की जगह हैं। 












कैसे पहुंचे


यहां आने के लिए आपको नासिक आना पड़ेगा।
By Air
नासिक एयरपोर्ट (ISK) पर दिल्ली, मुंबई से रेग्युलर फ्लाइट्स आती हैं। और भी कई बड़ी सिटी से यहां के लिए फ्लाइट्स मिल जाती हैं।
By Rail
नासिक रेलवे स्टेशन पर सभी बड़ी सिटी से ट्रेनें आती हैं।
By Road
नासिक से बस और टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं।








पंचवटी में बनाए गए हैं रामायण के कुछ दृश्य।










No comments:

Post a Comment