Pages

Highlight Of Last Week

Search This Website

Sunday, January 28, 2018

बीयर की बोतलों से बना है ये अनोखा मंदिर, जानें और क्या है खासियत

  बीयर की बोतलों से बना है ये अनोखा मंदिर, जानें और क्या है खासियत



आज हम आपको थाईलैंड में बने एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी खूबसूरती को देख हर कोई हैरान है। 














आप अभी तक कई मंदिरों में जा चुके होंगे। लेकिन शायद ही आपने कहीं बीयर की बोतल से बनीं हुई मंदिर को देखा होगा।







 दरअसल, भगवान बुद्ध के इस मंदिर का निर्माण बौद्ध भिक्षुओं ने 1984 में किया था। बीयर की खाली बोतलों से बने इस मंदिर वहां आने वाले लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। 













इस मंदिर को बनाने में सिर्फ और सिर्फ बीयर की खाली बोतलों का प्रयोग किया गया है।








 इस अनोखे मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से भारी संख्या में लोग आते हैं। 




  इसे भी पढ़ें :-   दुनिया का सबसे महंगा जूता, कीमत इनती की खरीद सकते हैं कई BMW कार









बताया जाता है कि इस मंदिर को बनवाने में करीब दस लाख खाली बीयर की बोतलों का इस्तेमाल किया गया है। 








सिस्टा प्रांत में स्थित इस मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। इस मंदिर का नाम वाट प महा चेदि खेव(Wat Pa Maha Chedi Kaew ) है।














इस मंदिर के सभी कोनो को हरे और भूरे रंग से सजाया गया है जो इसकी खूबसूरती को और निखारने का काम करती है। 








इन बोतलों को देखकर आपके मन में ये ख्याल भी जरूर आएगा कि दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है जिसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।











इतना ही नहीं इस मंदिर का बाथरूम भी बियर की बोतलों से तैयार किया गया है। हरे और भूरे कांच की बोतलों से यह मंदिर अपनी कलाकारी के लिए लोगों के बीच मिसाल बना हुआ है और टूरिस्ट लोगों की यहां भीड़ लगी रहती है।





Read More »

तेजी से वजन घटाना चाहते हैं तो शुरू करें जीरे का सेवन

 तेजी से वजन घटाना चाहते हैं तो शुरू करें जीरे का सेवन



वजन कम करना एक बड़ी चुनौती की तरह होती है। लोग मोटापे से निजात पाने के लिए जिम में घंटों पसीना बहाते हैं। 













तमाम तरह के डाइट फॉलो करते हैं। ऐसे लोगों के लिए जीरा बड़े काम की चीज होती है। वजन कम करने के लिए एक चम्मच जीरे का नियमित सेवन चमत्कारिक लाभ देने वाला होता है। 








रोजाना एक चम्मच जीरा खाने से तीन गुना तेजी से फैट कम होता है। जीरे के सेवन से न सिर्फ कैलोरी बर्न होती है बल्कि पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। 










अगर लगातार बीस दिनों तक रोज जीरे का सेवन किया जाए तो 15 किलो तक पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है। इसके अलावा जीरे के सेवन के कई और नुस्खे हैं, जिन्हें अगर आप अपनाते हैं तो जल्द ही मोटापे की समस्या से निजात पा लेंगे।








वजन कम करने की इच्छा है तो रात में दो चम्मच जीरे को पानी में भिगो दीजिए। सुबह इसे उबाल कर जीरे के बीज को पानी से अलग कर दीजिए। पानी में आधा नींबू निचोड़िए और सुबह इसे खाली पेट पी लीजिए। लगातार दो सप्ताह तक ऐसा करिए और फिर असर देखिए।



इसे भी पढ़ें :-   दुनिया का सबसे महंगा जूता, कीमत इनती की खरीद सकते हैं कई BMW कार









जीरे के साथ अगर अदरक और नींबू का भी सेवन करते हैं तो इससे जल्दी वजन कम होता है। इस नुस्खे के लिए सबसे पहले अदरक को काट लीजिए। इसके बाद गाजर के साथ अन्य सब्जियों को उबाल लीजिए। इसमें जीरा पाउडर, नींबू और कटी हुई अदरक डालकर सूप बना लीजिए। रोज रात में इस सूप को पीने से वजन आसानी से कम हो जाएगा।








 एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच जीरा रात भर भिगोकर रख दें और सुबह इसे उबालकर चाय की तरह पिएं। इसके रोजाना सेवन से शरीर से फालतू चर्बी निकल जाती है। 













ध्यान रखें कि इस पानी को पीने के बाद एक घंटें तक कुछ न खाएं।









भुनी हुई हींग, काला नमक और जीरे की समान मात्रा लेकर चूर्ण बना लें। 










इसे 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार दही के साथ लेने से भी मोटापा कम होता है।




Read More »

गाड़ी में हैं एयरबैग्स तो जरूर पढ़ें ये खबर, जानिए कैसे जान बचाने वाली चीज अचानक ले सकती है जान

 गाड़ी में हैं एयरबैग्स तो जरूर पढ़ें ये खबर, जानिए कैसे जान बचाने वाली चीज अचानक ले सकती है जान






भारत से टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने अपनी सिडैन कॉरला ऑल्टिस कार की 23,157 गाड़ियां वापस मंगवाने का फ़ैसला किया है। यह फोर व्हीलर 2010 से 2012 के बीच बनी यूनिट्स का हिस्सा हैं। 













दरअसल, इन कारों के अंदर लगे एयर बैग्स के चलते ग्राहकों की जान आफ़त में पड़ने लगी थी, यह कभी भी धमाके के साथ फट पड़ते थे। 








इसी ख़तरनाक उपकरण के चलते अब तक 16 की जान जा चुकी है, जबकि 180 घायल हो चुके हैं। टोयोटो ने इन्हें जापान की कंपनी टकाटा से मंगवाया था।










भारत के अलावा टोयोटा जापान, चीन, ओशनिया और दूसरे कई देशों से भी 2010 से 2012 की मैन्यूफैक्चरिंग वाली कॉरला ऑल्टिस की 29 लाख गाड़ियों को रिकॉल कर रही है। ज़ाहिर है, इस क़दम से ऑटो मोबाइल जगत ख़ासा प्रभावित होगा। 









टोयोटा जापान में बेची गईं 7.5 लाख कारों, चीन में बेची गईं 6.5 लाख कारों, यूरोप में बेची गईं 3.5 लाख कारों और दुनिया के बाकि हिस्सों में बेची गईं 11.6 लाख कारों को वापस मंगवाएगी। 










अमेरिका में पहले ही 4.2 करोड़ कारें एयरबैग को ठीक करने के लिए पहले ही मंगा ली गई थीं।








इससे पहले जनवरी में होंडा ने भी एयरबैग्स की ख़ामी को दुरूस्त करने के लिए अपनी कई मॉडल्स की 41,580 यूनिट्स को बाज़ार से रिकॉल किया था।












जापानी कंपनी टकाटा की साख पर सवाल



टकाटा की स्थापना 1930 में हुई थी। शुरूआत में यह कंपनी पैराशूट बनाने का काम करती थी, जिनका इस्तेमाल जापानी सेना सेकंड वर्ल्ड वॉर में करती थी। 1960 में वो दौर आया जब टकाटा ने ऑटोमोबाइल के उपकरण बनाना शुरू किया।






किस काम आता है एयर बैग ?


सड़क हादसे के दौरान एयर बैग होने पर ड्राइवर की जान बच सकती है। कार में टक्कर लगने से ठीक पहले एयरबैर सेंसर से एक्टिव होने पर अपने आप खुलता है। स्टेरिंग के नीचे मौजूद इन्फ्लेटर एक्टिव हो जाता है। 









इन्फ्लेटर सोडियम अज़ाइड के साथ मिलकर नाइट्रोजन गैस पैदा करता है। ये गैस एयरबैग में भर जाती है जिससे वह फूलता है। टक्कर लगने या गाड़ी पलटने के हालात में बॉडी झटका खाकर एयरबैग से टकराती है।




Read More »

जानिए, कैसी हो बच्चों की फूड हैबिट्स तो बच्चे रहेंगे स्वस्थ

 जानिए, कैसी हो बच्चों की फूड हैबिट्स तो बच्चे रहेंगे स्वस्थ



अच्छा स्वास्थ्य रातोरात मिलने वाली चीज नहीं है। इसके लिए कठिन मेहनत करनी पड़ती है। अच्छी आदतों को जीवन में उतारना होता है।  













खान-पान पर नियंत्रण भी जरूरी होता है। क्या खाना है और क्या नहीं खाना है, इन बातों पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। 










इस मामले में बच्चों पर काफी ध्यान देने की जरूरत है। एक तो उन्हें यह पता नहीं होता कि उनकी सेहत के लिए क्या खाना सही है













और क्या नहीं, दूसरा ये कि वो अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण भी नहीं रख पाते। ऐसे में उनकी सेहत का मामला काफी संवेदनशील हो जाता है। बच्चों की इन आदतों को अच्छी आदतों में बदलने के लिए उनके पैरंट्स पर बड़ी जिम्मेदारी होती है।








बच्चों के खाने-पीने की आदतों में पूरी तरीके से बदलाव संभव नहीं हो पाता। ऐसे में जो उनकी सेहत के लिए ज्यादा जरूरी हैं वे आदतें डलवाना उनकी सेहत के लिए आवश्यक है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से आपका बच्चा हमेशा बीमारियों से दूर रहेगा।










बड़ों के लिए अपने बिजी शेड्यूल में हर दिन नाश्ता कर पाना हमेशा संभव नहीं हो पाता। लेकिन बच्चों के विकास के लिए एक भी दिन नाश्ता छोड़ देना उनकी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है। एक शोध में यह बताया गया है 












कि जो बच्चे नाश्ता छोड़ने के आदती होते हैं उनमें कुपोषित होने का खतरा ज्यादा हो जाता है। शोध में उन बच्चों में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, आयरन और आयोडीन की पर्याप्त मात्रा पाई गई जो नियमित रूप से नाश्ता करने के आदती थे। जबकि नाश्ता छोड़ देने वाले बच्चे इस मुकाबले में काफी पीछे थे।













बच्चों को स्नैक्स खाने का बड़ा शौक होता है। खेलते हुए अपनी भूख मिटाने के लिए वो इसका इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। ऐेसे में पैरेंट्स को चाहिए कि अपने बच्चों को घर पर समोसे-पकौड़े आदि की आदत न डलवाएं बल्कि उसके बदले किसी हेल्दी स्नैक्स का विकल्प ढूंढें। 









बच्चों को आइसक्रीम, कैंडीज और बबल गम्स भी काफी पसंद होते हैं। इनमें मौजूद सुगर आगे चलकर उनमें डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। ज्यादा चीनी या फिर इससे बने उत्पादों की वजह से बच्चों की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है।









 एक शोध में यह बात सामने आई है कि भारतीय बच्चे अपनी जरूरत से तीन गुना ज्यादा चीनी का सेवन दिन भर में करते हैं। हरी सब्जियों से बच्चों की पुरानी दुश्मनी लगती है। लेकिन उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हरी सब्जियों की बहुत जरूरत होती है। इनसे स्वादिष्ट डिश बनाकर आप बच्चों में हरी सब्जियों को खाने की आदत डलवा सकते हैं।





Read More »