मॉडिफाइड बाइक में सत्तर के दशक की बुलेट है खास पसंद
हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों में दिखने वाली बाइक की तरह उनकी बाइक भी स्टाइलिश दिखे, इसलिए शहर के कई युवा भी अपनी बाइक को मॉडिफाइड करा रहे हैं। उनके अंदर बाइक मॉडिफिकेशन को लेकर काफी क्रेज दिख रहा है।
वह अपनी बाइक को स्पोर्टी लुक देने के लिए उनमें अलग-अलग तरह के चेंज करवा रहे हैं।
टायर और फ्यूल टैंक को ब्लैक, ब्लू, येलो और रेड कलर करवा रहे हैं। इसके अलावा सालेंसर भी बदलवा रहे हैं। युवा जिन बाइक्स को मॉडिफाई करवा रहे हैं, उनमें बुलेट, बजाज एडवेंचर, पल्सर, यामाहा एफ-2, हीरो करिज्मा की संख्या ज्यादा है।
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कई युवा पुरानी बुलट खरीदकर उसे नए मॉडल में भी मॉडिफाई करा रहे हैं। इससे उनकी नई बुलट खरीदने की ख्वाहिश भी पूरी हो जाती है
और पॉकेट पर भी ज्यादा भार नहीं पड़ता है। नई बुलट की बात की जाए तो उनकी कीमत 1 लाख 30 हजार रुपए शुरू होती है।
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इतनी महंगी बाइक खरीदना हर किसी के लिए पॉसिबल नहीं है। इसलिए वो पुराने बुलट को 5 से 10 हजार रुपए में खरीदकर उसे मॉडिफाई करा लेते हैं। उनमें अपनी पसंद के पार्ट्स लगवा लेते हैं और कलर भी अपनी च्वॉइस के करवाते हैं।
फिल्मों से हैं इंस्पायर
इन बाइक्स को मॉडिफाई करने वालों के अनुसार युवाओं की पहली पसंद 1970 की सीधे हैंडल वाली बुलट है। इस तरह की बुलट को मॉडिफाई कराने वालों की काफी संख्या है। इस तरह की बुलट सोले फिल्म में प्रयोग की गई थी, जो अभी भी लोगों के जेहन में बसी है।
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5 हजार से ज्यादा बुलट कर चुके मॉडिफाई
शिंदे की छावनी में बाइक मॉडिफाई करने वाले मिस्त्री रामबाबू बाथम ने बताया कि उनके यहां कई लोग बाइक मॉडिफाई करवाने के लिए आते हैं। पुराने मॉडल की बाइक्स को लेकर युवाओं में अब भी क्रेज हैं। वह बताते हैं कि उन्हें बुलट का काम करते हुए 43 साल हो गए हैं। वह अभी तक 5 हजार से अधिक बुलट को मॉडिफाई कर चुके हैं।
शिंदे की छावनी में बाइक मॉडिफाई करने वाले मिस्त्री रामबाबू बाथम ने बताया कि उनके यहां कई लोग बाइक मॉडिफाई करवाने के लिए आते हैं। पुराने मॉडल की बाइक्स को लेकर युवाओं में अब भी क्रेज हैं। वह बताते हैं कि उन्हें बुलट का काम करते हुए 43 साल हो गए हैं। वह अभी तक 5 हजार से अधिक बुलट को मॉडिफाई कर चुके हैं।
खरीदते हैं पुरानी बुलट
ज्यादातर युवा पुरानी बुलट खरीदकर लाते हैं और उसमें अपनी पसंद के पार्ट्स लगवाते हैं, जिससे वह पुराने मॉडल की तरह दिखे। वो येलो व्हील, अलग-अलग तरक ही हैंडल और लाइट (एलईडी) लगवाते हैं। नई बुलेट में जो साइलेंसर लगे आते हैं, उनमें ज्यादा आवाज नहीं होती है। जबकि जो लोग बुलट को मॉडिफाई करवाते हैं, उनकी डिमांड होती है कि ऐसे साइलेंसर लगाए जाएं, जिनकी आवाज ज्यादा हो।
ज्यादातर युवा पुरानी बुलट खरीदकर लाते हैं और उसमें अपनी पसंद के पार्ट्स लगवाते हैं, जिससे वह पुराने मॉडल की तरह दिखे। वो येलो व्हील, अलग-अलग तरक ही हैंडल और लाइट (एलईडी) लगवाते हैं। नई बुलेट में जो साइलेंसर लगे आते हैं, उनमें ज्यादा आवाज नहीं होती है। जबकि जो लोग बुलट को मॉडिफाई करवाते हैं, उनकी डिमांड होती है कि ऐसे साइलेंसर लगाए जाएं, जिनकी आवाज ज्यादा हो।
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