2 अप्रैल को किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस का जेल भरो आंदोलन
इंदौर। कर्ज माफी, बिजली बिल वसूली, जर्जर सड़कों सहित अन्य समस्याओं को लेकर 2 अप्रैल को सांवेर में प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। किसानों और कांग्रेस द्वारा किए जाने वाले इस आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी सरकार की कार्यप्रणाली के विरोध में गिरफ्तारी देकर आंदोलन करेंगे। आंदोलन के लिए कांग्रेसी नेताओं द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र में बैठक कर समर्थन मांगा जा रहा है।
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2 अप्रैल को सुबह 11 बजे से सांवेर-अजनोद नाका पर कांग्रेस के पूर्व विधायक तुलसीराम सिलावट के नेतृत्व में इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत होगी।
आंदोलन का मुख्य उद्देश्य किसानों के कर्ज को माफ करवाना है। इसके साथ ही किसानों से बिजली के बिल की बकाया राशि की वसूली के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही जोर-जर्बदस्ती का विरोध करना भी है।
सांवेर के किसानों का कहना है कि बिजली बिल की बकाया रशि को वसूलने के लिए विभाग के कर्मचारी गलत तरीका अपना रहे है। वसूली के नाम पर घरों से दोपहिया वाहन, कृषि यंत्र, घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आदि को बलपूर्वक जब्त किया जा रहा है।
आंदोलन में क्षेत्र की खस्ता हाल सड़कों का भी मुद्दा है। सांवेर से चंद्रावती गंज, अजनोद आदि तक जाने वाली सड़क काफी खराब हो चुकी है। सरकार से इस सड़क को ठीक करने के लिए कई बार गुहार लगाई गई है लेकिन ग्रामीणों की समस्या अब भी बरकरार है।
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क्षेत्र की खराब सड़कों को लेकर लगभग एक साल पहले विधायक राजेश सोनकर ने एक होर्डिंग बोर्ड क्षेत्र में लगवाया था। इस होर्डिंग में विधायक ने लिखवाया था कि खराब सड़कों को दुरुस्त करने के लिए टेंडर हो गए हैं
और कुछ ही दिनों में सड़कें बेहतर हो जाएंगी। लेकिन एक साल बाद भी सड़कों की हालत वैसी की वैसी ही है।
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मप्र सरकार ने दावा किया है कि किसानों की बकाया राशि 16 अप्रैल को उनके खातों में डाल दी जाएगी। 27 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इसके अनुसार मप्र के किसानों के खातों में कुल 4526 करोड़ 80 लाख रुपए की राशि 16 अप्रैल और 10 जून 2018 को डाल दी जाएगी।
सरकार ने रबी 2016-17 के दौरान प्रदेश के 7 लाख 38 हजार किसानों से 67 लाख 25 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था। वहीं 2 लाख 83 हजार किसानों से खरीफ सत्र 2017 में 16 लाख 59 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी।
उक्त सभी किसानों को सरकार द्वारा 1676 करोड़ 80 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा। यह राशि सरकार द्वारा 16 अप्रैल को किसानों के खाते में डालने की बात कही है।
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