यहां बनती है दुनिया की सबसे खतरनाक गन AK 47
आपने फिल्म गोलियों की रास लीला – रामलीला तो देखी होगी. जिसमें गोलियों की मंडी थी. जहां पर बंदूकें थोक के भाव मिलती हैं. जी हां, अपने सही पहचाना. आज हम आपको गोलियों की मंडी में तो नही लेकिन गोलियों की फैक्ट्री में जरूर लेकर चलेंगे. जहां पर दुनिया की सबसे फेमस गन AK 47 बनती है.
इसे भी पढ़ें :- क्यों बॉलीवुड? इन 15 दिनों को पनौती मानता है,
वैसे तो अगर देखा जाये तो हमारी फ़ौज के पास एक से बढ़ कर एक हथियार है. जिसका यूज़ अक्सर बड़ी लड़ाई में करते हैं. लेकिन एक गन ऐसी है जो कि सबकी पसंद बन चुकी है.
हम बात कर रहे है दुनिया की मशहूर गन AK-47 के बारे में. इसकी खूबियों के बारे में तो हर कोई जानता है. इसे रुस में मिखाइल कलाश्निकोव ने सबसे पहले डेवलप की थी.
कलाश्निकोव कंसर्न AK 47 बनाने वाली रुस की सबसे पुरानी कंपनी है. इजेव्स्क में इसका हेडक्वार्टर है. वैसे तो इस गन को बनाने वाले मिखाइल कलाश्निकोव इसी सिटी के थे.
जिसके कारण इजेव्स्क सिटी को इसका होम टाउन भी कहते है. इस फैक्ट्री की सबसे ख़ास बात ये है कि यहां पर कोई भी गन मशीन से नही बल्कि हाथो से बनती है. ये गन 1947 में सबसे पहले डिज़ाइन होने के बाद world war 2 में हुई थी.
Ak-47 चलाने में आसान है. इसमें से 1 मिनट में 600 गोलियां निकलती है. बात करे अगर इस गन की तो इसका वेट भी ज्यादा नही होता है. रखने उठाने में भी आसानी होती है.
इसका वेट मैगजीन सहित 4.3 किलोग्राम होता है. ये गन की कारतूस 7.62*39mm की होती है. इस गन की लम्बाई 870 mm होती है. इस गन की सबसे खास बात ये है कि ये 100 से 800 मीटर तक मार कर सकती है. ये गन 1947 में बनी थी. जिसके बाद इस गन को 1949 में सोवियत सेना ने 7.62 कलाश्निकोव राइफल के रूप में स्वीकार कर लिया.
इसे भी पढ़ें :- महिला को डंसने के बाद नागिन ने तोड़ा दम
सोवियत लाल सेना इसे समूह में प्रयोग करने वाला हथियार मानती थी, इसकी नॉर्मल्ली लाइफ 20 से 40 साल तक ही होती है. जो इसके देखभाल पर निर्भर करता है, कुछ AK 47 के साथ संगीन भी लगा के दी जाती है.
मिखाइल कलाशनिकोव रूस के प्रसिद्ध हथियार बनाने वाले थे. इनको modern time के युद्ध देवता भी माना जाता था. उन्होंने कभी किसी युद्ध में भाग नहीं लिया लेकिन उन्होंने सबसे खतरनाक हथियार एके47 अस्सौल्ट राईफ़ल के विकास के लिए जाना जाता है. इनका जन्म 10 नवम्बर 1919 में kurya में हुआ था. ये Russian lieutenant general थे. इनको कई अवार्ड्स से नवाज़ा भी गया है.।
No comments:
Post a Comment