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Wednesday, January 10, 2018

14 को मकर संक्रांति पर गांधी मैदान में होगा पतंग उमंग उत्सव

14 को मकर संक्रांति पर गांधी मैदान में होगा पतंग उमंग उत्सव




इसबारगंगा पार पतंगोत्सव नहीं होगा। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर गांधी मैदान में पतंग उमंग-2018 का आयोजन होगा। दिल्ली से आए पतंगबाजों के साथ शहरवासी भी पतंग उड़ाएंगे। 













आकर्षण के केंद्र में बड़ी-बड़ी डिजाइनर पतंग होगी, जिनकी आकृति विभिन्न पशु-पक्षियों जैसी होगी। 









इसके साथ ही बाल विवाह, दहेज उन्मूलन, शराबबंदी आदि से संबंधित स्लोगन लिखे पतंग आसमान में उड़ेंगी। इस दौरान पतंगबाजी प्रतियोगिता भी होगी, जिसमें तीन श्रेष्ठ पतंगबाजों को पुरस्कार जीतने का मौका मिलेगा। 











पतंग उमंग का कार्यक्रम श्रीकृष्ण स्मारक विकास समिति, पटना प्रमंडल की ओर से होगा। यह जानकारी रविवार को प्रेसवार्ता कर प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने दी। उन्होंने बताया कि देश के ख्याति प्राप्त पतंगबाज सुजीत चौधरी और जबलजीत चौधरी दिल्ली से पतंग उमंग में आएंगे। 







पतंगबाजी के साथ गीत-संगीत और नृत्य का कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगा। सुरक्षा के लिए दंडाधिकारियों, पुलिस बल पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। 













पटना | श्रीकृष्ण स्मारक विकास समिति, पटना प्रमंडल की ओर से फरवरी में वसंत उत्सव का आयोजन किया जाएगा। वंसतोत्सव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ विभिन्न राज्यों के स्टॉल लगाए जाएंगे। 







संगीत और नृत्य के जरिए वसंत की खुशबू बिखरेगी। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों को बुलाया जाएगा। प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने बताया कि अभी वसंत उत्सव की तिथि फाइनल नहीं हुई है। बहुत जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। 












कार्यक्रम में खाने की भी व्यवस्था रहेगी। 50 रुपए में दही, चूड़ा, गुड़, तिलकुट और जलेबी दी जाएगी। वहीं आम लोगों के लिए लटाई और पतंग की भी व्यवस्था की जाएगी। पैसे देकर कोई भी व्यक्ति पतंग और लटाई ले सकते हैं। कोई भी पतंगबाज चाइनीज धागे का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि पतंग उमंग उत्सव कई सामाजिक संदेशों को समेटे हुए है। पतंग से हमें जिंदगी में कई तरह की सीख मिलती है। अपनी जिंदगी में ऊंचा उठने के लिए कठिन परिश्रम के दौर से गुजरना पड़ता है, जबकि ऊंचाई से गिरना आसान होता है। कोई भी व्यक्ति तभी ऊपर उठता है, जब तक उसकी डोर मजबूत सिद्धांत से बंधी रहती है। डोर टूट जाने पर व्यक्ति नीचे गिर जाता है। 







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