आसमान को छूती दुनिया की 5 सबसे ऊंची इमारतें
ऊंची-ऊंची इमारतों की ऊपरी मंजिल में जाकर नीचे देखना कितना रोमांच भरा होता है। और इतनी ऊंचाई से नीचे देखने में डर भी बहुत लगता है। इतनी ऊंची इमारतों को देखकर सभी लोग हैरान होते हैं। दस मंजिल से ऊंची इन इमारतों को ही स्काई स्क्रैपर कहते हैं। चाहे इन बहुमंजिला इमारतों में लोग रहते हों, किसी का ऑफिस हो या फिर कोई मॉल वगैरह हो, कहेंगे इसे स्काई स्क्रैपर ही। तीन सितंबर को वर्ल्ड स्काईस्क्रैपर्स डे है। दुनिया की पहली स्काई स्क्रैपर बिल्डिंग शिकागो की होम इंश्योरेंस बिल्डिंग थी। तो चलिए आपको बताते हैं इस स्काईस्क्रैपर्स डे पर कुछ खास स्काईस्क्रैपर्स(ऊंची इमारतें) के बारे में। आज दुनिया में ऐसी कई मशहूर ऊंची इमारते हैं जिन्हें लोग देखने जाते हैं।
बुर्ज खलीफा:
साल 2010 में बनी बुर्ज खलीफा दुबई में बनी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है। दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का खिताब अपने नाम करने वाली दुबई की ये बिल्डिंग विजनरी आइडिया और साइंस का बेहतरीन कॉम्बिनेशन है। इसके अलावा दुनिया की सबसे ऊंची फ्रीस्टैंडिंग इमारत, सबसे तेज और लंबी लिफ्ट, सबसे ऊंची मस्जिद, सबसे ऊंचे स्विमिंग पूल और सबसे ऊंचे रेस्टोरेंट का खिताब भी बुर्ज खलीफा के नाम ही दर्ज है।
इसकी लंबाई 828 मीटर है और इसमें 163 मंजिलें हैं। इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था और आधिकारिक रूप से 2010 में इसका उद्घाटन किया गया। दुबई के डाउनटाउन में मौजूद इस बिल्डिंग को 2010 में पब्लिक के लिए खोला गया। इसका नाम यूएई के प्रेसिडेंट खलीफा बिन जाएद अल नाहयान के नाम पर रखा गया। यह इस्लामिक आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है। इसमें घर ऑफिस शॉपिंग माल होटले के अलावा 30 एकड़ में बनी झील भी है। इस इमारत के निर्माण में लगभग 97 अरब रुपए की लागत आयी।
शंघाई टावर:
चीन के शंघाई में साल 2015 में बनी यह बिल्डिग 632 मीटर लंबी है और इसमें 128 फ्लोर हैं। शंघाई टावर बनाने में लगभग 2.4 अरब डॉलर की लागत आई है। इस इमारत को बनाने का काम 2008 में शुरू हुआ था। इसकी डिज़ाइन अमरीकी कंपनी जेंसेलर ने तैयार की है। पिछले साल इस इमारत के नज़दीक की ज़मीन पर दरारें दिखने के बाद इसके धंसने की चिंताएं ज़ाहिर की गईं थीं। चीन का शंघाई टावर दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई के बुर्ज खलीफा से लगभग 200 मीटर छोटा है।
रॉयल क्लॉक टावर होटल:
सऊदी अरब के मक्का में अब्राज अल-बत टावर क्लॉक के नाम से भी जानी जाती है। यह 601 मीटर ऊंची इमारत है। यह साल 2012 में बनी थी । इस बिल्डिंग के ऊपर 120 वें फ्लोर पर एक जर्मन आर्किटेक कंपनी ने क्लॉक टावर बनाया है।
वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर:
अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा हमला झेलने वाले वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की जगह बनाए गए वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का ऑब्जरवेशन डेक गुरुवार को मीडिया के लिए खोला गया। वन वर्ल्ड 104 मंजिल का है। आम लोगों के लिए डेक 29 मई को खोला जाएगा। यहां से चारों तरफ 80 किमी दूर तक का नजारा दिखता है। यहां से न्यूयॉर्क, मैनहटन, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, ब्रुकलिन ब्रिज, एंपायर स्टेट बिल्डिंग और ग्राउंड जीरो मेमोरियल साफ-साफ दिखता है।
डेक पर बड़ा मैग्नीफाइंग ग्लास लगा है। इससे नीचे का नजारा ज्यादा बेहतर दिखाई पड़ता है। इमारत के ग्राउंड फ्लोर से डेक तक हाई स्पीड लिफ्ट से आने में 47 सेकंड लगते हैं। 2014 में न्यूयॉर्क में बना 541 मीटर ऊंचा यह ट्रेड सेंटर अमेरिका की सबसे ऊंची बिल्डिंग है। इसमें 104 फ्लोर हैं। इसके टिकट की कीमत 2030 रुपए है।
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