विवाह पंचमीः जानें, सीता राम के विवाह की खास बातें
भगवान राम और देवी सीता का विवाह मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को हुआ था। इस तिथि को शास्त्रों में विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष विवाह पंचमी 23 नवंबर गुरुवार के दिन है।
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बाल्मिकी रामायण के अनुसार देवी सीता और राम जी का जब विवाह हुआ था उस समय भगवान राम 13 वर्ष के थे और देवी सीता की उम्र 6 साल थी।
विवाह के बाद देवी सीता अपने पिता के घर जनक जी के यहां 12 वर्ष की आयु तक रही थीं।
इससे सुहाग की उम्र लंबी होती है
नेपाल के जनकपुर शहर में आज भी विवाह मंडप और विवाह स्थल के दर्शन कर सकते हैं जहां देवी सीता और रामजी का विवाह हुआ था। जनकपुर के आस-पास के गांवों के लोग विवाह के अवसर पर यहां से सिंदूर लेकर आते हैं
जिनसे दुलहन की मांग भरी जाती है। मान्यता है कि इससे सुहाग की उम्र लंबी होती है।
विवाह पंचमी अबूझ मुहूर्त
भगवान राम और देवी सीता के विवाह की एक और खास बात यह रही कि इनकी कुंडली में पूरे 36 गुण मिले थे। शास्त्रों में विवाह पंचमी को शादी के लिए अबूझ मुहूर्त माना गया है। जिन लोगों के विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा होता है वह बिना पंचांग देखे भी इस दिन विवाह कर सकते हैं।
भगवान राम और देवी सीता के विवाह की एक और खास बात यह रही कि इनकी कुंडली में पूरे 36 गुण मिले थे। शास्त्रों में विवाह पंचमी को शादी के लिए अबूझ मुहूर्त माना गया है। जिन लोगों के विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा होता है वह बिना पंचांग देखे भी इस दिन विवाह कर सकते हैं।
वैवाहिक जीवन के सुख के लिए करें ये पाठ
विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और देवी सीता की पूजा वैवाहिक जीवन की खुशियों में वृद्धि करने वाला माना गया है।
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