Pages

Highlight Of Last Week

Search This Website

Friday, January 19, 2018

रामायण- किस व्यक्ति से कैसी बातें नहीं करनी चाहिए

 रामायण- किस व्यक्ति से कैसी बातें नहीं करनी चाहिए






रामायण में जब हनुमानजी ने खोज के बाद श्रीराम को बताया कि सीता माता रावण की लंका में हैं तो श्रीराम अपनी वानर सेना के साथ दक्षिण क्षेत्र में समुद्र किनारे पहुंच गए थे। 













उन्हें समुद्र पार करके लंका पहुंचना था। श्रीराम ने समुद्र से प्रार्थना की कि वह वानर सेना को लंका तक पहुंचने के लिए मार्ग दें, लेकिन समुद्र ने श्रीराम के आग्रह को नहीं माना और इस प्रकार तीन दिन बीत गए। तीन दिन के बाद 



                  Open this link :- अब रोज पाये facebook group पर "मेरा देश India" की all (news)








बोलेराम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति।


इस दोहे का अर्थ यह है कि श्रीराम क्रोधित होकर लक्ष्मण से कहते हैं भय बिना प्रीति नहीं होती है यानी बिना डर दिखाए कोई भी हमारा काम नहीं करता है।











लछिमनबान सरासन आनू। सोषौं बारिधि बिसिख कृसानू।।
सठसन बिनय कुटिल सन प्रीती। सहज कृपन सन सुंदर नीती।


इन दोहे में श्रीराम ने लक्ष्मण को बताया है कि किस व्यक्ति से कैसी बात न करें। जानिए इस दोहे का अर्थ.









मूर्खयानी जड़ बुद्धि वाले व्यक्ति से न करें प्रार्थना


श्रीराम लक्ष्मण से कहते हैं- हे लक्ष्मण। धनुष-बाण लेकर आओ, मैं अग्नि बाण से समुद्र को सूखा डालता हूं। 









किसी मूर्ख से विनय की बात नहीं करना चाहिए। कोई भी मूर्ख व्यक्ति दूसरों के आग्रह या प्रार्थना को समझता नहीं है, क्योंकि वह जड़ बुद्धि होता है। 








मूर्ख लोगों को डराकर ही उनसे काम करवाया जा सकता है।











कुटिलके साथ न करें प्रेम से बात



श्रीराम लक्ष्मण से कहते हैं कि जो व्यक्ति कुटिल स्वभाव वाला होता है, उससे प्रेम पूर्वक बात नहीं करना चाहिए। कुटिल व्यक्ति प्रेम के लायक नहीं होते हैं। 






ऐसे लोग सदैव दूसरों को कष्ट देने का ही प्रयास करते हैं। ये लोग स्वभाव से बेईमान होते हैं, भरोसेमंद नहीं होते हैं। अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को संकट में डाल सकते हैं। अत: कुटिल व्यक्ति से प्रेम पूर्वक बात नहीं करना चाहिए।









कंजूससे न करें दान की बात


जो लोग स्वभाव से ही कंजूस हैं, धन के लोभी हैं, उनसे उदारता की, किसी की मदद करने की, दान करने की बात नहीं करना चाहिए। कंजूस व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में धन का दान नहीं कर सकता है। कंजूस से ऐसी बात करने पर हमारा ही समय व्यर्थ होगा।




No comments:

Post a Comment