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Wednesday, March 14, 2018

अल्पवर्षा का असर, मार्च में ही सूखने लगे बोर, गांवों में गहराने लगी पानी की समस्या

अल्पवर्षा का असर, मार्च में ही सूखने लगे बोर, गांवों में गहराने लगी पानी की समस्या






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इस वर्ष हुए कम वर्षा से जहां खेती-किसानी चौपट हो गई वहीं साथ ही पानी की समस्या भी लगातार भयावह रुप लेने लगी है। कुछ ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत विचारपुर का है। जहां बोर में पानी कम है, कहीं-कहीं सूखने की स्थिति में है। 














ग्रामवासी इससे परेशान हो कर पीएचई विभाग के अधिकारियों के पास गए व जानकारी दी लेकिन वहां भी ग्रामीणों को कोई राहत नहीं मिली जिससे ग्रामीणों ने तंग आकर इसकी शिकायत लोक सुराज में करने की तैयारी में हैं। 









ग्रामीणों का कहना है कि मार्च में ही बोर सूखने लगे हैं तो मई-जून में इंसान तो दूर मवेशियों के लिए भी पीने का मानी नहीं मिल पाएगा। 














जबकि इस दिशा में पीएचई विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है। 









सांसद से करेंगे विभाग की शिकायत: ज्ञात हो कि इस बरस किसान फसल के लिए पूरी तरह से भगवान भरोसे रहे। धान की फसल सूख जाने के बाद कोई राहत नहीं मिली तो चना, गेहूं की फसल भी बर्बादी लेकर आया। 








ऐन वक्त पर ठीक फसल पकने से पहले पड़े ओले ने किसानों की कमर तोड़ दी। इस क्षेत्र में किसानों की हालात खराब हो गया है। अब पानी की समस्या ग्रामों में भयावह रुप लेने लगा है। 













जिससे निपटने के लिए पीएचई विभाग कोई ठोस कदम उठाने में अभी तक असफल रही है। ग्रामीणों ने आज पीएचई विभाग में जाकर अनुविभागीय अधिकारी से संपर्क किया तो अधिकारियो ने ग्रामीणों को गोलमोल जवाब दिया जिससे अब ग्रामीण क्षेत्रीय सांसद अभिषेक सिंह से पीएचई की शिकायत करने की मन बना रहे है। 












बोर खनन पर प्रतिबंध के बावजूद चल रही है खोदाई 


वैसे तो शासन द्वारा छुईखदान ब्लॉक में बोर उत्खनन पर रोक लगाया जा चुकी है। उसके बाद भी खुले तौर पर क्षेत्र में बोर खनन सुचारु रुप से जारी है। 






बोर खनन के लिए बोर मशीन लगातार इस क्षेत्र में आते-जाते देखा जा सकता है। बोर मशीन वालों द्वारा अधिक दर पर बोर करने की जानकारी मिली है। 








इस संबंध में ग्राम पंचायत के सरपंच राजेश जंघेल ने कहा कि जल्द से जल्द पानी की समस्या का निराकरण करने पीएचई विभाग से किया गया है। 




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