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Wednesday, November 1, 2017

उम्र से दिखना चाहते हैं 10 साल कम तो लीजिए अंकुरित लहसुन की मदद, जानें और भी फायदे

उम्र से दिखना चाहते हैं 10 साल कम तो लीजिए अंकुरित लहसुन की मदद, जानें और भी फायदे



प्रदूषण और स्ट्रेस की वजह से अगर समय से पहले ही आपके चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देने लगी हैं तो घबराइएं मत अंकुरित लहसुन आपकी मदद कर सकता है।













जी हां लहसुन के इस्तेमाल के तरीकों में थोड़ा बदलाव करके आप खुद फर्क महसूस करेंगे। 









झुर्रियों को बनने से रोकता है


एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण लहसुन आपको तनाव रहित रखने में मदद करता है। 













इतना ही नहीं अंकुरित लहसुन का नियमित सेवन करने से आपकी त्वचा पर पड़ने वाले उम्र के असर को भी कम करता है। आपका चेहरा जवां और खिला-खिला लगता है। 








सर्दी खांसी


अंकुरित या अंकुर फूटे हुए पुराने लहसुन में ताजे लहसुन के मुकाबले एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि ज्यादा होती है।









जिन लोगों को मौसम बदलने पर अक्सर सर्दी खांसी की शिकायत रहती है उनके लिए लहसुन का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। 






स्ट्रोक


हृदय रोगियों के लिए भी अंकुरित लहसुन किसी रामबाण से कम नहीं है। लहसुन में मौजूद फाइटोकेमिकल्स खून का थक्का बनाने से रोकता है।













जिसकी वजह से व्यक्ति स्ट्रोक से बचा रहता है।यह स्ट्रोक के खिलाफ एक बेहतर एजेंट के रुप में काम करता है।








ब्लड प्रेशर


ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए अंकुरित लहसुन बेहद फायदेमंद होता है।इसके नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर संबंधी समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है। 










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बदलते मौसम के साथ एलर्जी से हैं परेशान, ये उपाय देंगे आराम

बदलते मौसम के साथ एलर्जी से हैं परेशान, ये उपाय देंगे आराम



मेडिसिटी गुड़गांव के ईएनटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉक्टर के के हांडा ने बीबीसी को बताया कि 'ज़्यादातर लोग मौसमी एलर्जी से परेशान हैं। नाक से पानी गिर रहा है, छाती जकड़ गई है, सांस लेने में परेशानी है, कान और गले में दर्द है और कुछ मामलों में आंखों में जलन और खुजली की शिकायत भी है'। 













डॉक्टर हांडा बताते हैं कि गला-नाक-आंख-कान यह सारे अंग आपस में जुड़े हैं, इसलिए अगर एक में भी परेशानी हुई तो बढ़कर बाक़ी तक भी पहुंच सकती है। इनमें से ज़्यादातर परेशानियां प्रदूषण से जुड़ी हैं। दिवाली के आस-पास प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है क्योंकि पटाखे छुटाए जाते हैं। गांव में पुआल जलाई जाती है और मौसम में नमी आने लगती है जो प्रदूषण और धुएं को ऊपर उठने से रोकती है।









दमा के मरीजों को सबसे ज़्यादा नुकसान


दुनिया भर के दमा मरीजों में से दस फीसदी भारत में रहते हैं। डब्ल्यूएचओ पहले ही बता चुका है कि दुनिया के सबसे गंदी आबोहवा वाले 20 शहरों में से 13 शहर भारत में हैं। ऐसे में हवा में रुका यह जहर सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर चेस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर बॉबी भलोत्रा के मुताबिक 'इतने प्रदूषण में दमा के मरीज़ को अटैक आ सकता है और कभी-कभी समय पर मदद न मिले तो दमा का अटैक जानलेवा भी हो सकता है'। 















अब चेतना जरूरी


बीबीसी से बातचीत में डॉक्टर भलोत्रा ने बताया कि इतना प्रदूषण सिगरेट के धुएं से भी कई गुना ज़्यादा खतरनाक है। उनका मानना है कि 'अगर हम अब भी नहीं चेते और प्रदूषण ऐसे ही बढ़ता रहा तो अगले 15-20 साल में छोटी उम्र में ही फेफड़ों के कैंसर के मामले सामने आने लगेंगे'। डॉक्टर भलोत्रा की सलाह है कि अगर सांस में थोड़ा भारीपन महसूस हो, छाती और गले में घर-घर की आवाज आए तो देर न करें और तुरंत अपना ब्लड प्रेशर और छाती का चेकअप कराएं।









एहतियात की जरूरत


सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिज़ीज़) के मरीज़ों को और भी एहतियात रखने की जरूरत है। उनके लिए डॉक्टर भलोत्रा की सलाह है कि 'अपनी दवाई लगातार लेते रहें और इन्हेलर हमेशा साथ रखें'। प्रदूषण का असर त्वचा पर भी पड़ता है। महक डर्मा एंड सर्जरी क्लीनिक की डायरेक्टर डॉक्टर शेहला अग्रवाल ने बीबीसी को बताया कि इस मौसम में छपाकी यानी त्वचा पर लाल चकत्ते की शिकायत वाले मरीज ज़्यादा आ रहे हैं।











सुबह की सैर से बचें


डॉक्टर शेहला के मुताबिक 'इस मौसम में तड़के पांच या छह बजे सैर पर जाने से बचें क्योंकि इस समय मौसम में सबसे ज़्यादा नमी होती है और फूल खिलते हैं जिनसे निकले पराग कण नमी के चलते हवा में ही रुके रह जाते हैं। साथ ही इस समय की ठंडी हवा त्वचा को खुश्क बनाती है'। डॉक्टर शेहला की सलाह है कि ''अगर बहुत ज़रूरी हो तो सात बजे सैर पर जा सकते हैं, लेकिन उससे पहले बाहर जाने से बचें'। 








बच्चों का बचाव करें


डॉक्टर बॉबी भलोत्रा भी यही सलाह देते हैं। उनका कहना है कि 'कोशिश करें कि सिर्फ़ धूप के दौरान बाहर रहें। न बहुत सुबह बाहर निकलें और न ही शाम तक बच्चों को बाहर खेलने दें। बंद वाहन जैसे गाड़ी, बस, मेट्रो में बाहर जाएं।' डॉक्टर के के हांडा आगे बताते हैं कि ''सार्वजनिक जगहों में मास्क का इस्तेमाल करें। कोशिश करें कि एक बार के बाद फेंकने वाले (डिस्पोज़ेबल) मास्क का इस्तेमाल करें। आंखों को बचाने के लिए ज़ीरो पावर का चश्मा लगा सकते हैं।'















दिवाली के दौरान ज़्यादा मीठा, तला-भुना और डिब्बा बंद खाना खाने से इम्युनिटी भी कमज़ोर होती है इसलिए खाने-पीने का भी ध्यान रखें। यह सलाह है दिल्ली के मैक्स अस्पताल की चीफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट रितिका सामादार की।







समझदारी से खाएं, सेहत बनाएं


रितिका सामादार के मुताबिक़, अब भुजिया, नमकीन, मिठाई और सोडे वाले ड्रिंक्स जैसी प्रोसेस्ड, पैकेज़्ड चीज़ों से बचें। इनमें बहुत ज़्यादा चीनी, ट्रांस फैट और सोडियम होता है जो बीमारी से लड़ने की ताकत कमजोर करता है। फार्म टू प्लेट का सिद्धांत अपनाएं और ज़्यादा फल-सब्जियां खाएं। दिन भर में 15 से 20 बादाम खाएं। नट्स और सीड्स को अपने रोज के खाने का हिस्सा बनाएं। इनमें भरपूर ओमेगा 3 फ़ैटी एसिड होता है।










रोज़ 2.5-4.5 लीटर पानी पाएं। अगर सादा पानी न पी सकें तो नींबू पानी, नारियल पानी, दही, लस्सी, छाछ भी ले सकते हैं। आंवला और अमरूद खाएं। इनमें बहुत एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बीमारियों से लड़ने के लिए बहुत ज़रूरी हैं। प्रोटीन लेना बंद न करें। रोज 50-60 ग्राम प्रोटीन जरूर लें। आधे घंटे ही सही, लेकिन किसी भी तरह का व्यायाम जरूर करें।




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लाखों कमाना हो तो ऐसे करें हरी मिर्च की खेती

लाखों कमाना हो तो ऐसे करें हरी मिर्च की खेती


जिले के ग्राम कुलमनखेड़ी का एक किसान ने खेती के परंपरागत तरीके को छोड़कर आधुनिक तकनीक अपनाई और अब लाखों रुपए कमा रहा है












ये किसान नेट हाउस लगाकर हरी मिर्च उगाई।









जानकारी अनुसार ग्राम कुलमनखेड़ी के किसान बालू शाह पिता रसूल शाह आधुनिक तकनीक अपनाकर अपनी खेती से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। 












बालू शाह आधुनिक तकनीक नेट हाउस बनाकर मिर्च का उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं






नेट हाउस की खेती को अपनाने वाले बालू शाह सीमांत कृषक हैं, 







जिन्होंने अपने दो हजार वर्ग मीटर नेट हाउस में हरी मिर्च की खेती कर उद्यानिकी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की।






शाह बताते हैं कि उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर अपने खेत पर नेट हाउस का निर्माण कराया और मिर्च की खेती करना शुरू की।












समय-समय पर विभागीय अधिकारियों से बेहतर उत्पादन का तरीका एवं प्रबंधन जानकरी लेकर हरी मिर्च से धीरे-धीरे अच्छी आमदनी प्राप्त होने लगी।








आज कृषक शाह अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कृषक ने दो हजार वर्ग मीटर के नेट हाउस में लगी मिर्च से लगभग पूरे सीजन में 200 क्विंटल हरी मिर्च की पैदावार प्राप्त की।









जिसे थोक बाजार में लगभग 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से विक्रय की। एक सीजन में डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा प्राप्त कर चुके हैं।




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यारों के यार होते हैं सिंह राशि वाले, आप भी संभल कर रहें

यारों के यार होते हैं सिंह राशि वाले, आप भी संभल कर रहें



हर राशि वालों की अपनी खूबी और कमजोर होती है। जैसे सिंह राशि (23 जुलाई – 22 अगस्त) के जातकों के लिए कहा जाता है कि ये स्वार्थी होते हैं। पहले अपने बारे में सोचते हैं,












फिर दोस्तों या रिश्तेदारों की फिक्र करते हैं। हालांकि इनसे सच्चा दोस्त भी कहीं नहींं मिलेगा। ये साहसी होते हैं







बहरहाल, इन्हीं गुणों-दुर्गुणों के आधार पर कुछ ऐसी बातें तय की जा सकती हैं,














जिनका जिक्र सिंह राशि वालों के आगे नहीं करना चाहिए।







सिंह राशि वाले सबसे पहले अपने बारे में सोचते हैं, दूसरों की परवाह बाद में करते हैं, 









लेकिन इन्हें यह सुनना पसंद नहीं कि 'तुम जन्मजात स्वार्थी हो।'








सिंह राशि वालों में थोड़ा अहंकार भी होता है। इसी कारण वे अपनी तारीफ करने वालों को पसंद करते हैं












इस राशि वालों से लंबी दोस्ती निभाना है तो थोड़ी दूरी बनाकर रहें यानी इन्हें थोड़ी स्पेस दें। बहुत ज्यादा करीबी इन्हें पसंद नहीं। हालांकि यह भी सच है कि सभी राशियों में सबसे सच्चे दोस्त सिंह राशि वाले ही होते हैं।








सिंह राशि वाला आपका दोस्त भड़क जाएगा यदि आप उसे कायर कहेंगे तो। साथ ही इन्हें यह कतई पसंद नहीं कि कोई इन्हें नजरअंदाज करे। ये लोग पूरी शिद्दत के साथ दोस्ती निभाते हैं, लेकिन कोई गलत फायदा उठाए तो इनसे बुरा कोई नहीं। ये अपने दोस्तों के बारे में पीठ पीछे न कुछ कहते हैं, न कुछ सुनना पसंद करते हैं।










सिंह राशि वालों को सबके ज्यादा डर इस वाक्य से लगता है कि 'अब तुम अकेले रहो।' ये लोग अपने परिवार से अलग नहीं रह सकते हैं।




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