कोल इंडिया: मार्च 2018 से मेडिकल अनफिट और अनुकंपा पर नौकरी नहीं
मार्च 2018 से मेडिकल अनफिट एवं अनुकंपा पर नियोजन ने देने का निर्णय कोल इंडिया ने ले लिया है। यह कोयला मजदूरों के लिए आत्मघाती होगा। यह आशंका राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ ने व्यक्त की है।
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कोल इंडिया से इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है। उक्त बातें आरसीएमएस की गुरूवार को हुई बैठक में कही गई। यह जानकारी महामंत्री एके झा ने दी।
डीसी लाइन के नीचे स्थित कोयला बीसीसीएल स्वयं निकाले एवं बेरोजगारों को रोजगार दे।
निजी कंपनियों को कोयला नहीं निकालने दिया जाएगा।
धनबाद चंद्रपूरा रेल लाइन कि बंदी से जितना नुकसान पिछले 6 माह में बीसीसीएल को हुआ उतनी भरपाई कोयला निकालने से होगी नहीं यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
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झा ने कहा कि आग के बहाने भारत सरकार कोयला खनन कार्य को देश के बड़े पूंजीपतियों को देना चाह रही है। अगर बीसीसीएल प्रबंधन स्वयं इस रेलवे लाइन के नीचे का कोयला निकालना चाहती है
तो झारखण्ड में रहने वाले एक लाख शिक्षित बेरोजगार जवानों को नियोजन मिल सकता है। आरसीएमएस ने 10वां कोयला वेतन समझौता को मजदूरों के साथ धोखा करार दिया है।
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पहले 12 घंटे के ओवरटाइम को समाप्त किया। कोयला खान राष्ट्रीयकरण के 46 साल बाद रेस्ट डे कि परिभाषा बदल दी गई और संडे का वेतन छिन लिया।
प्रबंधन के इस निर्णय से कोयला मजदूरो को प्रति माह कम से कम 3000 रू से 12000 रू का नुकसान होगा।
इतना ही नहीं मार्च 2018 से मेडिकली अनफिट और डेथ केस मे नियोजन रोकने का निर्णय भी प्रबंधन ने लिया है। बैठक में आरसीएमएस के दर्जनों नेता शामिल हुए।










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