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Wednesday, February 7, 2018

नए साल पर नोमुरा ने दी खुशखबरी, भारत की जीडीपी ग्रोथ 2018 में रहेगी 7.5 प्रतिशत

 नए साल पर नोमुरा ने दी खुशखबरी, भारत की जीडीपी ग्रोथ 2018 में रहेगी 7.5 प्रतिशत





जापान की वित्‍तीय सेवा कंपनी नोमूरा ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी से सुधार आने की उम्‍मीद है और इसकी जीडीपी ग्रोथ 2018 में 7.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है।











जापान की वित्‍तीय सेवा कंपनी नोमूरा ने भारत को नए साल पर खास तोहफा दिया है। नोमुरा ने ताजा रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी से सुधार आने की उम्‍मीद है और इसकी जीडीपी ग्रोथ 2018 में 7.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है।







 नोमूरा की कंपोजिट लीडिंग इंडेक्‍स (सीएलआई) के मुताबिक चौथी तिमाही (अक्‍टूबर-दिसंबर) में भी कुछ ग्रोथ दिखाई पड़ सकती है।












इसके बाद 2018 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में तेज सुधार देखने को मिलेगा। इसके पीछे की वजह चल रहा रिमोनेटाइजेशन और वैश्विक मांग में सुधार है।






नोमूरा ने अपनी रिसर्च नोट में कहा है कि वह ग्रोथ आउटलुक को लेकर उत्‍साहित है।










उसका मानना है कि चौथी तिमाही (अक्‍टूबर-दिसंबर) में जीडीपी ग्रोथ सालाना आधार पर बढ़कर 6.7 प्रतिशत रहेगी, जो तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 6.3 प्रतिशत थी।





 2018 में यह और मजबूत होकर 7.5 प्रतिशत रहेगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मुद्रास्‍फीति के दबाव और तेल की ऊंची कीमतों की वजह से मौद्रिक नीति कठोर बनी रह सकती है। 











नोमूरा ने कहा है कि उसे उम्‍मीद है कि 2018 की दूसरी तिमाही में मौद्रिक नीति के नरम होने की उसे बहुत कम उम्‍मीद है








नोमूरा ने कहा है कि उसे पूरी उम्‍मीद है कि 2018 में भी ब्‍याज दरें अपरिवर्तित ही बनी रहेंगी, क्‍योंकि ग्रोथ और महंगाई दोनों ही बहुत ऊंची रहने की संभावना है।









 रिजर्व बैंक ने अपनी पांचवीं द्वीमासिक समीक्षा में रेपो रेट को 6 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है, जबकि केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्‍फीति के अपने अनुमान को 2017-18 के बचे शेष समय के लिए बढ़ाकर 4.3-4.7 प्रतिशत कर दिया है। 





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Sunday, February 4, 2018

नबी के वफादार बनने पर मिलती है जन्नत

 नबी के वफादार बनने पर मिलती है जन्नत




जागरण संवाददाता, उरई : अगर जन्नत चाहिए तो नबी के वफादार बन जाओ। नबी के बताये रास्ते पर चलो। बड़ों की इज्जत करो, छोटों से प्यार से पेश आओ। जिस काम से नबी ने मना किया उसे हरगिज मत करो।









दूसरों की मदद करो। गरीबों-बेसहारों का सहारा बनो। भूखों को खाना खिलाओ तो ये सब काम करने दुनिया में 








भी कामयाब होगे और आखिरत में भी कामयाब हो जाओगे।













उक्त बात मौलाना अख्तर रजा सुल्तानी एरच ने मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा बुधवार रात बरकाती ग्राउंड में चल रहे पैगामे शहीदे आजम की छठवीं महफिल में कही। उन्होंने कहा कि नबी का फरमान है 






कि गैरमहरम लड़की (जिससे शादी हो सकती है) को न देखें। अपनी नजरों की हिफाजत करें। गैरमहरम लड़की पर एक बार धोखे से निगाह पड़ जाये तो माफ है, लेकिन दोबारा जानबूझकर उस लड़की पर निगाह डालना बहुत बड़ा गुनाह है।










 इमाम हुसैन अलै. की ¨जदगी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ¨जदगी भर इमाम हुसैन ने दीन की खिदमत को खूब-खूब अंजाम दिया। बेसहारा लोगों का सहारा बने। गरीबों की मदद की। भूखों को खाना खिलाया। इमाम हुसैन के घर से कोई भी भिखारी खाली हाथ नहीं लौटता था। जो भी उनके घर हाजिर होता उसे वो कुछ न कुछ जरूर देते थे।








बरेली शरीफ से आये शायर इस्लाम रजा बरकाती ने नात व इमाम हुसैन की शान में मनकबत पढ़ी, जिसे सुनकर अकीदतमंद गमगीन हो गये। मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी कानपुर ने तकरीर करते हुए कहा कि इमाम हुसैन की याद मनाया करो। उनका शहादतनामा पढ़ा करो। इमाम हुसैन के नाम पर खूब लंगर किया करो और इमाम हुसैन की ¨जदगी से सीख लेना चाहिए। चाहे जितनी भी मुश्किल आये नमाज नहीं छोड़नी चाहिए और हर हालत में खुदा का शुक्र व सब्र करना चाहिए। 











इससे पहले प्रोग्राम का आगाज तिलावते कुरआन से हाफिज अल्हाज फजले अजीम रहमानी ने किया। हाफिज मोनिस चिश्ती ने करबला की शान में मनकबत पढ़ी और इमामे हुसैन की बारगाह में खिराजे अकीदत पेश की, जिसे सुनकर महफिल में आये हुए अकीदतमंदों ने नार-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर, नार-ए-रिसालत, या हुसैन के नारे बुलंद किए। 








इस मौके पर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मु. शारिक बेग बरकाती, डा. मु. नासिर बेग, वामिक बेग, रहीस अहमद, रुमान खान, पप्पू थापा, मुख्तार अंसारी, सैयद इसराफील, अब्दुल वहाब, मकसूद खान, अब्दुल रज्जाक, नबीउद्दीन, रफीउद्दीन, जावेद अहमद, इमरान, अजहर, तालिब बेग, शादाब खान समेत कई लोग मौजूद रहे।





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ठंड बढ़ने के साथ ही बाजार में बढ़ी गर्म कपड़े की रौन

 ठंड बढ़ने के साथ ही बाजार में बढ़ी गर्म कपड़े की रौनक




कपड़े पहनने लगे हैं। वहीं दोपहर में भी अब धूप में नरमी होने लगी है।रात में अब कुलर और पंखा का चलना बंद हो गया है। और अब मोटे चादर की जरूरत पड़ने लगी है। मौसम के इस बदलाव का असर जन-जीवन पर भी पड़ रहा है। इस स्थिति में विशेष सतर्कता की जरूरत है। खासकर बच्चे एवं वृद्ध लोगों को विशेष सतर्कता की जरूरत है। ब्लड-प्रेशर, दिल के मरीजों, एस्नोफिलिया के मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। ऐसे मौसम के अनुरूप सेहत का ख्याल नहीं रखने पर कई बीमारियों का आशंका बढ़ जाता है। 













विशेष कर सर्दी और इससे संबंधित बिमारी के गिरफ्त में लोग आ जाते हैं। इस तरह के मौसम में रहन-सहन, खान-पान और पहनावा के प्रति लोगों को ध्यान देने की जरूरत है। अब ठंडे पेय पदार्थ, ठंडा या बासी खाना के साथ ही एसी की सुविधा एवं फ्रीज के ठंडे पानी और खाद्य पदार्थ से परहेज करना चाहिए। वैसे इस समय सभी उम्र के लोगों को ठंड से बचने की कोशिश करनी चाहिए लेकिन विशेष कर वृद्ध और बच्चों को ध्यान देने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में किसी प्रकार की तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेने की जरूरत है।








सावधानी बरतने की जरूरत


बदलते मौसम में सेहत का ख्याल नहीं रखना भारी पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि खान-पान तथा रहन-सहन के मामले में खास ध्यान देने की जरूरत है। आजकल वायरल इंफेक्शन के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। बड़ों के साथ बच्चे भी वायरल इंफेक्शन की चपेट में आ रहे हैं। इस मौसम में बच्चों तथा बुजुर्गो को एहतियात बरतने की जरूरत है।













डॉ. एपी झा : मौसम में बदलाव अपने साथ बहुत सारी बीमारियां लेकर आती है। अगर हम सतर्कता नहीं बरते तो है। मौसम में तेज उतार-चढ़ाव के अनुसार शरीर अपने आप को ढाल नहीं पाता और लोग बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। ऐसे मौसम में संक्रमण का खतरा होता है। सुबह-शाम हल्का गर्म व सूती वस्त्र ही पहने और नायलॉन से बने वस्त्रों से परहेज करें। इन दिनों खान-पान तथा पहनावे पर ध्यान देने की जरूरत है। पानी का भरपूर मात्रा में सेवन करें। अगर सर्दी, सिर दर्द या बुखार महसूस हो तो अपनी मर्जी से दवा न लें। विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से ही दवा लें









 इस मौसम में 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगो के हार्ट अटैक का खतरा बन जाता है। इसके लिए सावधान रहने की जरूरत है। पौष्टिक आहार लें, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सुबह की सैर के साथ-साथ योग भी अच्छा व्यायाम होता है। इस मौसम में सभी उम्र के लोगों को कोल्ड डायरिया के साथ ही अपर रिसपेरेटरी इंफेक्सन, ब्रौकियोलाईटीस की संभावना बढ़ जाती है। प्रकोप अधिक होता है। इससे बचने के लिए ताजा पानी व भोजन का सेवन जरूरी है। जिसका इलाज लक्षण के अनुसार की जाती है।













ठंड की धमक के साथ ही लोग गर्म कपड़ों के साथ ही रजाई बनाने में लगे हैं। बाजार में रेडीमेड रजाई के साथ ही कपड़ा और रूई खरीद कर लोग रजाई बनवाने में लगे हैं। बाजार में रूई का मूल्य 40 रूपये से लेकर 90 रूपये तक है वहीं प्रति किलो रूई धुनाई का दाम दस रूपये लिए जाते हैं। वहीं कारीगर साईज के अनुसार रजाई के टकाई का मूल्य 150 से तीन सौ तक ले रहे हैं।










बाजार में ठंडी के मौसम के चढ़ते ही यूपी के मुरादपुर से ट्रक में कंबल तथा गर्म दरी बेचने के लिए व्यवसायी सड़क किनारे दुकान लगाए हैं वही कंबल और ऊनी शाल बेचने कश्मीर से भी फेरी लगाने वाले पहुंचने लगे हैं। मुरादाबाद से आये व्यवसायी का मोटा कंबल जहां एक हजार रूपये है वहीं पतला कंबल पांच सौ में जोड़ी, दरी सात सौ की जोड़ी और तोसक तीन सौ रूपये में हैं। कश्मीर से आये फेरी लगाने वाले भी गल्ली मोहल्ले में कंबल और शाल बेचने लगे हैं। जिनका दाम दो सौ से शुरू होकर तीन हजार तक का होता है














पुपरी(सीतामढ़ी)संस : केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर के ग्रामीण कृषि मौसम द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक अगले पांच दिनों तक मौसम शुष्क एवं साफ रहेगा। लेकिन 15 से 20 तारीख तक जारी अनुमान में आकाश में हल्के मध्यम बादल छाए रहने की संभावना है। 








 इस अवधि में दिन के तापमान में हल्की गिरावट के साथ अधिकतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 15 से 17 डिग्री रहेगा। सुबह में हल्का कुहासा और तराई क्षेत्र में घना कुहासा रहने की संभावना है। औसतन 5-7 किमी प्रति घंटा की गति से पुरवा हवा व चलेगी। सापेक्ष आद्रता सुबह में 85-90 प्रतिशत एवं दोपहर में 45 से 50 प्रतिशत रहने का अनुमान है।









बाजार में गर्म कपड़े का स्टाल फुटपाथ से लेकर शो रूम तक सज गया है। जिसमें बच्चो, युवा और महिलाओं के लिए सभी रेंज के कपड़े हैं। बाजार में वर्तमान में जैकेट हाफ तीन से सात रूपये तक, 1जैकेट फ़ुल पांच सौ से दो हजार तक, चमड़ा जैकेट दो हजार से छह हजार तक, स्कार्फ 50 से 140 रूपये तक, टोपी 40 से 60 तक, लेडिज जैकेट एक हजार के करीब, ऊलेन कुर्ती तीन सौ से एक हजार तक, मौजा सौ रूपये, इनर बीयर पांच सौ के करीब, स्टाल 150 से चार सौ तक, शॉल तीन सौ से एक हजार तक, बाबा सूट तीन सौ से सात सौ, स्वेट सेट पांच सौ तक, स्वेटर तीन सौ से दो हजार तक, सूट चार हजार से 12 हजार तक, ब्लेजर चार सौ से 15 सौ तक बाजार में मिल रही है।





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आसमान को छूती दुनिया की 5 सबसे ऊंची इमारतें

आसमान को छूती दुनिया की 5 सबसे ऊंची इमारतें



ऊंची-ऊंची इमारतों की ऊपरी मंजिल में जाकर नीचे देखना कितना रोमांच भरा होता है। और इतनी ऊंचाई से नीचे देखने में डर भी बहुत लगता है। इतनी ऊंची इमारतों को देखकर सभी लोग हैरान होते हैं। दस मंजिल से ऊंची इन इमारतों को ही स्काई स्क्रैपर कहते हैं। चाहे इन बहुमंजिला इमारतों में लोग रहते हों, किसी का ऑफिस हो या फिर कोई मॉल वगैरह हो, कहेंगे इसे स्काई स्क्रैपर ही। तीन सितंबर को वर्ल्ड स्काईस्क्रैपर्स डे है। दुनिया की पहली स्काई स्क्रैपर बिल्डिंग शिकागो की होम इंश्योरेंस बिल्डिंग थी। तो चलिए आपको बताते हैं इस स्काईस्क्रैपर्स डे पर कुछ खास स्काईस्क्रैपर्स(ऊंची इमारतें) के बारे में। आज दुनिया में ऐसी कई मशहूर ऊंची इमारते हैं जिन्हें लोग देखने जाते हैं।










बुर्ज खलीफा:


साल 2010 में बनी बुर्ज खलीफा दुबई में बनी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है। दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का खिताब अपने नाम करने वाली दुबई की ये बिल्डिंग विजनरी आइडिया और साइंस का बेहतरीन कॉम्बिनेशन है। इसके अलावा दुनिया की सबसे ऊंची फ्रीस्टैंडिंग इमारत, सबसे तेज और लंबी लिफ्ट, सबसे ऊंची मस्जिद, सबसे ऊंचे स्विमिंग पूल और सबसे ऊंचे रेस्टोरेंट का खिताब भी बुर्ज खलीफा के नाम ही दर्ज है।








इसकी लंबाई 828 मीटर है और इसमें 163 मंजिलें हैं। इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था और आधिकारिक रूप से 2010 में इसका उद्घाटन किया गया। दुबई के डाउनटाउन में मौजूद इस बिल्डिंग को 2010 में पब्लिक के लिए खोला गया। इसका नाम यूएई के प्रेसिडेंट खलीफा बिन जाएद अल नाहयान के नाम पर रखा गया। यह इस्लामिक आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है। इसमें घर ऑफिस शॉपिंग माल होटले के अलावा 30 एकड़ में बनी झील भी है। इस इमारत के निर्माण में लगभग 97 अरब रुपए की लागत आयी।












शंघाई टावर:


चीन के शंघाई में साल 2015 में बनी यह बिल्डिग 632 मीटर लंबी है और इसमें 128 फ्लोर हैं। शंघाई टावर बनाने में लगभग 2.4 अरब डॉलर की लागत आई है। इस इमारत को बनाने का काम 2008 में शुरू हुआ था। इसकी डिज़ाइन अमरीकी कंपनी जेंसेलर ने तैयार की है। पिछले साल इस इमारत के नज़दीक की ज़मीन पर दरारें दिखने के बाद इसके धंसने की चिंताएं ज़ाहिर की गईं थीं। चीन का शंघाई टावर दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई के बुर्ज खलीफा से लगभग 200 मीटर छोटा है।







रॉयल क्लॉक टावर होटल:


सऊदी अरब के मक्का में अब्राज अल-बत टावर क्लॉक के नाम से भी जानी जाती है। यह 601 मीटर ऊंची इमारत है। यह साल 2012 में बनी थी । इस बिल्डिंग के ऊपर 120 वें फ्लोर पर एक जर्मन आर्किटेक कंपनी ने क्लॉक टावर बनाया है।











वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर:


अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा हमला झेलने वाले वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की जगह बनाए गए वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का ऑब्जरवेशन डेक गुरुवार को मीडिया के लिए खोला गया। वन वर्ल्ड 104 मंजिल का है। आम लोगों के लिए डेक 29 मई को खोला जाएगा। यहां से चारों तरफ 80 किमी दूर तक का नजारा दिखता है। यहां से न्यूयॉर्क, मैनहटन, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, ब्रुकलिन ब्रिज, एंपायर स्टेट बिल्डिंग और ग्राउंड जीरो मेमोरियल साफ-साफ दिखता है।








डेक पर बड़ा मैग्नीफाइंग ग्लास लगा है। इससे नीचे का नजारा ज्यादा बेहतर दिखाई पड़ता है। इमारत के ग्राउंड फ्लोर से डेक तक हाई स्पीड लिफ्ट से आने में 47 सेकंड लगते हैं। 2014 में न्यूयॉर्क में बना 541 मीटर ऊंचा यह ट्रेड सेंटर अमेरिका की सबसे ऊंची बिल्डिंग है। इसमें 104 फ्लोर हैं। इसके टिकट की कीमत 2030 रुपए है।










ताइपे 101:



ताइवान में नीले-हरे कांच की दीवारों के साथ 509 मीटर की ऊंचाई वाली ताइपे दुनिया में सबसे बड़ी हरे रंग की बिल्डिंग है । इसे लीडरशिप इन एनर्जी और एनवायरमेंट डिजाइन(एलईईडी) अवॉर्ड भी मिल चुका है। 508 मीटर ऊंची और 101 फ्लोर वाली इस बिल्डिंग में ज्यादातर ऑफिस हैं।











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